संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली लिरिक्स
प्रकाशित: 19 May, 2025
Read Moreजहाँ पवन बहे संकल्प लिए
जहाँ पर्वत गर्व सिखाते हैं
जहाँ ऊँचे-नीचे सब रस्ते
भक्ति के सुर में गाते हैं ||
उस देवभूमि के ध्यान से
मैं धन्य-धन्य हो जाता हूँ
उस देवभूमि के ध्यान से
मैं धन्य-धन्य हो जाता हूँ ||
है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा
मैं तुमको शीश नवाता हूँ ||
मैं तुमको शीश नवाता हूँ
और धन्य-धन्य हो जाता हूँ
मैं तुमको शीश नवाता हूँ
और धन्य-धन्य हो जाता हूँ
हो जाता हूँ, हो जाता हूँ ||
मांडवे की रोटी और हुड़के की थाप
हर एक मन करता शिवजी का जाप
ऋषि मुनियों की है ये तपोभूमि
इतने वीरों की ये जन्मभूमि ||
तुम आँचल हो भारत का
जीवन की धूप में छाँव तुम |
तुम आँचल हो भारत का
जीवन की धूप में छाँव तुम
बस छूने से तर जाए
सबसे पवित्र वो पाँव हो तुम ||
बस लिए समर्पण तन-मन से
मैं देवभूमि में आता हूँ
है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा
मैं तुमको शीश नवाता हूँ ||
मैं तुमको शीश नवाता हूँ
और धन्य-धन्य हो जाता हूँ
मैं तुमको शीश नवाता हूँ
और धन्य-धन्य हो जाता हूँ
हो जाता हूँ, हो जाता हूँ ||
है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा
मैं तुमको शीश नवाता हूँ
मैं तुमको शीश नवाता हूँ ||
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