Vishal Bhajan Lyrics Sangrah Blog

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म्हारा हंसला रे उड़जा उड़जा हंस वाली चाल लिरिक्स

हंसला उड़ जा,उड़ जा हंसा वाली चाल,बुगलां री चाल्यां हंसला छोड़ दे।। हंसला चुगले चुगले,मोतीड़ां रो चूंण,मच्छीयां नें खाणी हंसा छोड़ दे।। हंसला बोलो बोलो,कोयल जेड़ा बोल,कांगा री बोली हंसा छोड़ दे।। हंसला नहा...

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अलख निरंजन जय गुरु दैत्य गिरनारी भजन लिरिक्स

अलख निरंजन अलखगिरनारी आलेखअलख निरंजन जय गुरु दैत्य गिरनारी निरंजन अलखनिरंजन जय गुरु दत जयअलख निरंजन जय गुरु दैत्य गिरनारी गिरनारी अलख निरंजन अलखअलख निरंजन जय गुरु दैत्य गिरनारी गिरनारी आलेख निरंजन आलेखअलख निरंजन...

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मैया राख सभा म लाज मनाऊं तन्न ज्वाला भजन लिरिक्स

मैया राख सभा म लाज, मनाऊं तन्न ज्वाला ये ।। मैया तनै राणी रुकमण ध्याई,अम्बिका पूजन अकेली आईवहां से ले गये जदुराई, खड्या शीशपाला ये ।। मैया तनै पांचू पांडव ध्याई, सिंह चढ़ रण...

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पूरण काज भगत का सार जय हो जगदम्बे माई लिरिक्स

पूरण काज भगत का सार जय हो जगदम्बे माईजगदम्बे माई तेरी जय हो जगदम्बे माई स्वाप नगर में जनम होयो माँ सन चोदह माहिदेबो जी संग फेरा लीन्हा साखी म परणायी बिजली ज्यूँ थारी...

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कानुड़ा थारी लागे छवि प्यारी भजन लिरिक्स

कानुड़ा थारी लागे छवि प्यारी बिरज म बाँसुरी बाज़ी ।। मीरां महला उतरी रे छापा तीलक लगाय । बतलाई बोल न हीं रे राणों रयों रिझाय रे।1 मीरा ऊभी गोखडे रे, उंटा कसीयो भार...

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क्या सोवे सुख नींद मुसाफिर परदेशी रे भजन लिरिक्स

क्या सोवे सुख नींद । मुसाफिर परदेशी रे ।क्या सोवे सुख नींद ।बटाऊ भोला परदेशी रे ।क्या सोवे सुख नींद । राम नाम का सुमिरण कर ले । हरी का ध्यान हिरदै बिच धर ले ।साधो...

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नमस्कार मेरी कृष्ण मुरारी, नमस्कार मेरी अवध बिहारी लिरिक्स

नमस्कार मेरी कृष्ण मुरारी, नमस्कार मेरी अवध बिहारी । नमस्कार मेरी जग के दाता, नमस्कार मेरी गंगा माता । नमस्कार मेरी श्याम प्यारे, नमस्कार मेरी बक्शन हारे । नमस्कार मेरी गिरिवरधारी, नमस्कार मेरी बांके...

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रावणा के देश गयो,सीया का संदेशो लायो भजन लिरिक्स

रावणा के देश गयो,सीया का संदेशो लायो ।कबहू ना किनी वो तो बात अभिमान की ॥छिन में समुंदर कूदे पल में पहाड़ लायेलाये संजीवन बूटी लक्ष्मण के प्राण कीरावणा के देश गयो ॥जब जब...

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गौरी के सुवन सुजान प्रथम थारो यस गांवा भजन लिरिक्स

गौरी के सुवन सुजान प्रथम थारो यस गांवा जी , म्हारा काटो कष्ट कलेश गणेश हमेश मनावा जी || एक दन्त सिर चंद्रमा जी विघ्न हरण गणराज , गले जनेउ शेष है जी सुर...

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म्हारे गुरांजी मिलण रो पूरो चाव भजन लिरिक्स

म्हारे गुरांजी मिलण रो पूरो चाव, उम्मेदी दिल में लाग रही ॥ म्हारे उम्मेदी ऐसी लगी जी, निर्धानियां धन होय। बांझनार पुत्र ने तरसे, मैं तरसुं दाता तोय 11॥ नैया पड़ी मझधार में जी, अध...