संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली लिरिक्स
प्रकाशित: 19 May, 2025
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शिव शंकर जी ब्यावन आए, झाल बराती कछु ना लयाए
हाथी घोड़ा संग ना ल्याए, ल्याए बैल बूढ़ों
एक हाथ से डमरू बजाए, दूजी हाथ से मखीया उड़ावे
इन संग फेरा मत ले गोरजा, यों वर है बूढ़ो
डगमग डगमग नाड़ हिलत है, मखीया को बरनात उड़त है
आक धतूरा को भोग लागत है, भांग भरयो कुंदों
गंगा दास हरी गुन गावे, सखिया न गोरा समझाव
शिव शंकर जी का ध्यान धरो थे, इन रो उंडो
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