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    शँकर तेरी जटा मे बहती है गंगधारा भजन लिरिक्स

    शिव भजन संग्रह लिरिक्स

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    शँकर तेरी जटा मे बहती है गंगधारा भजन लिरिक्स

    शँकर तेरी जटा में बहती है गंगधारा।
    काली घंटा के अंदर जिमि दामिनी उजारा।।

    गल मुण्डमाल राजे, शशि भाल में विराजे।
    डमरू निनाद वाजे, कर में त्रिशूल धारा।।

    दृग तीन तेज राशी, कटिबंध नाग फाँसी।
    गिरिजा है संग दासी, सब विश्व के अधारा।।

    मृग चर्म वसन धारी, वृषराज पर सवारी।
    निज भक्त दुख हारी, कैलाश में बिहारा।।

    शिव नाम जो उच्चारे, सब पाप दोष टारे।
    ब्रह्मानंद ना बिसारे, भव सिंधु पार तारे।।

    शँकर तेरी जटा में बहती है गंगधारा।
    काली घंटा के अंदर जिमि दामिनी उजारा।।

    🔱 बोल नाथ जी महाराज की जय 🔱

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