संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली लिरिक्स
प्रकाशित: 01 Jun, 2025
Read Moreकरता हूँ मैं वंदना,
नत सिर बारम्बार।
तुझे देव परमात्मन,
मंगल शिव शुभकार।
अंजलि पर मस्तक किए,
विनय भक्ति के साथ।
नमस्कार मेरा तुझे,
होवे जग के नाथ।
दोनों कर को जोड़ कर,
मस्तक घुटने टेक।
तुझको हो प्रणाम मम,
शत शत कोटि अनेक।
पाप हरण मंगल करण,
चरण शरण का ध्यान।
धार करूँ प्रणाम,
मैं तुमको शक्ति निधान।
भक्ति भाव शुभ भावना,
मन में भर भरपूर।
श्रद्धा से तुझको नमु,
मेरे राम हजूर।
ज्योतिर्मय जगदीश है,
तेजो मय अपार।
परम पुरुष पावन परम,
तुझको हो नमस्कार।
सत्यज्ञान आनंद के,
परम धाम श्री राम।
पुलकित हो मेरा तुझे,
होवे बहु प्रणाम।
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