संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली लिरिक्स
प्रकाशित: 19 May, 2025
Read Moreहाथ जो विनती करूूँ, सुणज्यो वचत्त लगाय,
दास आ गयो शरण में, रखखयो इसकी लाज।
धन्येढ़ूढ़ारोिंदेश है, खाटूनगर सुजान,
अनुपम ेवि श्री श्याम की, दशशन सेकल्याण।
श्याम श्याम तो मैरटूिं, श्याम हैजीिन प्राण,
श्याम भक्त जग मेंबाे, उनको करूूँ प्रणाम।
खाटूनगर के वबच में, बण्यो आपको धाम,
फागुण शुक्ला मेला भरे, जय जय बाबा श्याम।
फागुण शुक्ला द्वादशी, उत्सि भारी होए,
बाबा के दरबार से, खाली जाए न कोय।
उमापवत लक्ष्मीपवत, सीतापवत श्री राम,
लज्जा सबकी राखखयो, खाटूके बाबा श्याम।
पान सुपारी इलाइची, अत्तर सुगन्ध भरपूर,
सब भक्तन की विनती दशशन देिोिंहजूर।
“आलूससिंह” जी तो प्रेम से, धरेश्याम को ध्यान,
“श्याम सलयो पररवार” पािेसदा, श्याम कृ पा सेमान।
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