राम दशरथ के घर जन्मे घराना हो तो ऐसा हो ||
लोक दर्शन को चल आये सुहाना हो तो ऐसा हो ||
यज्ञ के काम करने को मुनीश्वर ले गया वन में
उड़ाए शीश दैत्यन के निशाना हो तो ऐसा हो ||
धनुष को जायकर तोड़ा जनक की राजधानी में
भूप सब मन में शरमाये लजाना हो तो ऐसा हो ||
पिता की मानकर आज्ञा राम बन को चले जबही
न छोड़ा संग सीता ने जनाना हो तो ऐसा हो ||
सिया को ले गया रावण बनाकर वेश जोगी का
कराया नाश सब अपना दीवाना हो तो ऐसा हो ||
प्रीत सुग्रीव से करके गिराया बाण से बाली
दिलाई नार फिर उसकी याराना हो तो ऐसा हो ||
गया हनुमान सीता की खबर लेने को लंका में
जलाकर के नगर आया सियाना हो तो ऐसा हो ||
बांध सेतु समुंदर में उतारा पार सेना को
मिटाया वंश रावण का हराना हो तो ऐसा हो ||
राज्य देकर विभीषण को अयोध्या लौटकर आये
वो ब्रम्हानंद बल अपना दिखाना हो तो ऐसा हो ||