राम दशरथ के घर जन्मे घराना हो भजन लिरिक्स

राम दशरथ के घर जन्मे घराना हो तो ऐसा हो ||
लोक दर्शन को चल आये सुहाना हो तो ऐसा हो ||


यज्ञ के काम करने को मुनीश्वर ले गया वन में
उड़ाए शीश दैत्यन के निशाना हो तो ऐसा हो ||


धनुष को जायकर तोड़ा जनक की राजधानी में
भूप सब मन में शरमाये लजाना हो तो ऐसा हो ||


पिता की मानकर आज्ञा राम बन को चले जबही
न छोड़ा संग सीता ने जनाना हो तो ऐसा हो ||


सिया को ले गया रावण बनाकर वेश जोगी का
कराया नाश सब अपना दीवाना हो तो ऐसा हो ||


प्रीत सुग्रीव से करके गिराया बाण से बाली
दिलाई नार फिर उसकी याराना हो तो ऐसा हो ||


गया हनुमान सीता की खबर लेने को लंका में
जलाकर के नगर आया सियाना हो तो ऐसा हो ||


बांध सेतु समुंदर में उतारा पार सेना को
मिटाया वंश रावण का हराना हो तो ऐसा हो ||


राज्य देकर विभीषण को अयोध्या लौटकर आये
वो ब्रम्‍हानंद बल अपना दिखाना हो तो ऐसा हो ||

आज के ऐसे ही सुन्दर भजन आप यहां पर देख सखते है

HARSHITA

"मैं एक भक्ति गीतों की प्रेमी और भक्त हूँ। मेरी आत्मा को शांति और प्रेम मिलता है, जब मैं भगवान के भजनों में लीन हो जाती हूँ। इस वेबसाइट पर, आप विभिन्न प्रकार के भक्ति भजन और गीत पाएंगे, जो आपकी आत्मा को उन्नति की ओर ले जाएंगे। हर शब्द और हर सुर में भगवान की भक्ति का अनुभव करें, और अपनी आध्यात्मिक यात्रा में सच्ची शांति पाएं।"

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *