धन अजमल जी थारी भक्त्ति काम करया सब अच्छा है लिरिक्स
धन अजमल जी थारी भक्त्ति काम करया सब अच्छा है।राम सरिसा पुत्र तुम्हारे, घर आया रमणताईं ।। बारह बरस भज्यो मालिक न, तन मन से भगति पाई,तेरह बरस म दर्शन दियो, गयो द्वारका निरणायी।।...
Ram, Krishna, Hanuman & More – Hindi Bhajans with PDF & Lyrics 💙
सत्संगी हिंद भजन गाने, हिंदू धार्मिक परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। यह भजन विशेष रूप से उन भक्तों द्वारा गाए जाते हैं, जो सत्संग या भक्ति के मार्ग पर चलते हैं। इन भजनों का उद्देश्य भगवान की स्तुति करना और भक्तों को आत्मिक उन्नति की ओर मार्गदर्शन करना होता है।
सत्संगी हिंद भजन के बोल आमतौर पर सरल और भक्ति से भरपूर होते हैं, जिनमें भगवान के प्रति श्रद्धा, प्रेम, और समर्पण व्यक्त किया जाता है। ये भजन आमतौर पर हिंदी या भारतीय भाषाओं में होते हैं और इनके माध्यम से भक्त अपनी श्रद्धा को प्रकट करते हैं।
इन भजनों की विशेषताएँ:
भगवान की महिमा: भजन में भगवान के गुण, उनके रूप और उनकी दिव्यता की स्तुति की जाती है।
भक्ति और समर्पण: भजनों के बोल भक्तों को भगवान के प्रति समर्पित होने और भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
आध्यात्मिक उन्नति: इन भजनों के जरिए आत्मा की शुद्धि, ध्यान, और आत्म-ज्ञान की बात की जाती है, जिससे व्यक्ति को आध्यात्मिक जागृति मिलती है।
नैतिक शिक्षाएँ: कई भजन जीवन के सही मार्ग और नैतिकताओं की शिक्षाएँ देते हैं, जैसे दया, करुणा, सत्य बोलना, आदि।
ईश्वर का प्रेम: भगवान के अनंत प्रेम और कृपा की बातें, जो व्यक्ति को शांति, संतोष और मुक्ति दिलाती हैं, भजनों में व्यक्त की जाती हैं।
सत्संगी हिंद भजन आमतौर पर सत्संगों में गाए जाते हैं, जहाँ भक्त एक साथ इकट्ठा होकर भजन गाते हैं और भगवान की भक्ति में लीन होते हैं। ये भजन मानसिक शांति, साधना, और आत्मिक विकास को बढ़ावा देने का कार्य करते हैं।
धन अजमल जी थारी भक्त्ति काम करया सब अच्छा है।राम सरिसा पुत्र तुम्हारे, घर आया रमणताईं ।। बारह बरस भज्यो मालिक न, तन मन से भगति पाई,तेरह बरस म दर्शन दियो, गयो द्वारका निरणायी।।...
हंसला उड़ जा,उड़ जा हंसा वाली चाल,बुगलां री चाल्यां हंसला छोड़ दे।। हंसला चुगले चुगले,मोतीड़ां रो चूंण,मच्छीयां नें खाणी हंसा छोड़ दे।। हंसला बोलो बोलो,कोयल जेड़ा बोल,कांगा री बोली हंसा छोड़ दे।। हंसला नहा...
क्या सोवे सुख नींद । मुसाफिर परदेशी रे ।क्या सोवे सुख नींद ।बटाऊ भोला परदेशी रे ।क्या सोवे सुख नींद । राम नाम का सुमिरण कर ले । हरी का ध्यान हिरदै बिच धर ले ।साधो...
म्हारे गुरांजी मिलण रो पूरो चाव, उम्मेदी दिल में लाग रही ॥ म्हारे उम्मेदी ऐसी लगी जी, निर्धानियां धन होय। बांझनार पुत्र ने तरसे, मैं तरसुं दाता तोय 11॥ नैया पड़ी मझधार में जी, अध...
🌸 मैली चादर ओढ़ के कैसे। द्वार तुम्हारे आऊँ॥ 🌸 🕉️ हे पावन परमेश्वर मेरे। मन ही मन शरमाऊँ॥ 🕉️ मैली चादर ओढ़ के कैसे…|| तूने मुझको जग में भेजा। निर्मल देकर काया॥ आकर के संसार...
गोगोजी पर्चो देव दुनियां माने सारी है ।। तेरी बणी म सांप गोयरा अजगर भारी है, कोई डाल डाल ओर डाला लटके नागण काली है ।। आयो गंगासिंह जी को थानो, बठ खूब पकायो...
शिव जी के चरणा म चाल रे मन मायला रे जे तन जीवड़ा जगत लुभाव धीरज की रे कर ढाल रे मन मायला रे,,1 सुख सावन तेर सदा ही रवगो नित की नयोड़ी साल...
थाने सतगुरु मारे हैला रे , नर राम सुमिर नर गैला । सतगुरु आकार बाग लगाया, बीज बो दिया चेला ।कच्चे पक्के का ध्यान ना राखे, फूल खिलया अलबेला ॥ कोडी कोडी माया जोड़ी...
बिन भाग मिले ना दुनियाँ में अमृत भोग !! मधु होत अमृत के समाना, खाय प्राण तज देता स्वाना ! मखियाँ करत गन्दगी नाना, घृत से ही प्राण वियोग !! मिश्री है अमृत से...
आनन्द के लुटे खजाने भाई, सतगुरु के दरबार में ।। कोठी बंगले कारो की भाई, कमी नही उनके पास में ।वो भी यु कहते ह, हम सुखी नही संसार में ।।आनन्द के लुटे खजाने...
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