संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली लिरिक्स
प्रकाशित: 19 May, 2025
Read Moreतेरे बिना मेरी कोंन खबर ले सांवरा गिरधारी रे।
टीटूडी टीटावत बोली भारत मंड गयो भारी रे।
भारत म भंवरी का अंडा बचा लिया बनवारी रे।
मंझारी सूत दियो अगन म भांडा घडत कुम्हारी रे।
पांचू भांडा काचा रेग्या खेलत सूत मंझारी रे।
द्रोपद चीर दुशासन खेंच्यो बा पंडवा की नारी रे।
खेंचत -2 हारयो दुशासन बढ़ ग्यों चीर हजारी रे।
इन्द्र कोप कियों बृज ऊपर बरखा बरसे भारी रे।
बांवे नख पर गिरवर धारयो बचा लयी बृज सारी रे।
ध्रुव तारे प्रहलाद उबारे नरसी की हुण्डी स्वीकारी रे।
दोय कर जोड़ "शिवदत्त" जी गावे राखों लाज हमारी रे।
भक्त और भगवान की जय
Post Your Comment