संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली लिरिक्स
प्रकाशित: 01 Jun, 2025
Read Moreजो भी थारे द्वारे आवे, खाली नही जावे रे।
भर झोली ले जावे थारे द्वार से।
सालासर वाला रे, ओ अंजनी रा लाला रे।
ज़पु थारी माला रे, सालासर वाला रे।।
पैदल आवे रे, ओ दर्शन पावे रे।
पैदल आवे रे, ओ दर्शन पावे रे।।
सालासर वाला रे, ओ अंजनी रा लाला रे।
ज़पु थारी माली रे, सालासर वाला रे,
सालासर वाला रे, सालासर वाला रे।।
बिगड़ा तू तो काज बनावे सालासर रा धनियां रे।
दूर दूर से आवे थारे जात्री।।
भोग लगावे रे, जडूला चढ़ावे रे।
भोग लगावे रे, दर्शन पावे रे।।
सालासर वाला रे, ओ अंजनी रा लाला रे।
ज़पु थारी माली रे, सालासर वाला रे,
पैदल आवे थारे रे ।।
सूरज सामी देवरो थारी, ध्वजा फरूखे आसमान रे।
झाझी ने नगाड़ा बाजे द्वार रे।।
चूरमो लावे रे, ओ भोग लगावे रे।
चूरमो लावे रे, ओ सिंदूर चढ़ावे रे।।
मनोहर पुजारी थारो सेवक,नित उठ धोक लगावे रे ।
नवरतन योगी थारा गुण गावे रे ।।
पैदल थारे आवे रे, औ धोक लगावे रे ।
दर पर आवे रे, दर्शन पावे रे ।।
सालासर वाला रे, ओ अंजनी रा लाला रे।
ज़पु थारी माला रे, सालासर वाला रे।।
चूरमो लावे रे, ओ भोग लगावे रे।
चूरमो लावे रे, ओ सिंदूर चढ़ावे रे।।
सालासर वाला रे, ओ अंजनी रा लाला रे।
ज़पु थारी माली रे, सालासर वाला रे,
पैदल आवे थारे रे ।।
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