संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली लिरिक्स
प्रकाशित: 19 May, 2025
Read Moreनही तो पीछाने रे बीरा,
ओ जी थारा दुर्बल बहुत शरीरा,
ना तन देखे पूरी अयोध्या,
ना सरयू के तीरा।
ना तन देखे हो संग राम के,
है कोई छल गीरा। (१)
सो योजन मरजाद सिंधु की,
किस विद्य उतरयो तीरा।
इस नगरी में राक्षस जबर है,
किण विध धारयों धिरा। (२)
लंका कूद विलंका कुदयो,
उतरयो सागर तीरा।
मार छलांग गिरी से लांघे,
में हनुमत बलबीरा। (३)
सेतु बांध रामेश्वर थरप्यो,
चढ़े राम रणधीरा।
तुलसीदास धरे धीर जानकी,
आप चड्डे रघुवीरा। (४)
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