संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली लिरिक्स
प्रकाशित: 19 May, 2025
Read Moreरामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया।
रघुकुल नंदन कब आओगे भिलनी की नगरिया॥
मैं शबरी भिलनी की जाई, भजन भाव ना जानु रे।
राम तेरे दर्शन के कारण वैन में जीवन पालूं रे॥
चरणकमल से निर्मल करदो दासी की झोपड़िया॥
रोज सवेरे वन में जाकर फल चुन चुन के लाऊंगी।
अपने प्रभु के सन्मुख रख के प्रेम से भोग लगाउंगी॥
मीठे मीठे बेरन की मैं भर लाई छबरिया॥
श्याम सलोनी मोहिनी मूरत नैयन बीच बसाऊंगी।
पद पंकज की रज धर मस्तक जीवन सफल बनाउंगी॥
अब क्या प्रभु जी भूल गए हो दासी की डगरिया॥
नाथ तेरे दर्शन की प्यासी मैं अबला इक नारी हूँ।
दर्शन बिन दोऊ नैना तरसें सुनलो बहुत दुखारी हूँ॥
हीरा रूप से दर्शन देदो डालो एक नजरिया॥
आज के ऐसे ही सुन्दर भजन आप यहां पर देख सकते हैं.
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