माँ का संदेसा आया है
कटरा मुझे बुलाया है,
पर्वत पर माँ का धाम है,
मुझे जाना नंगे पाँव है।
पर्वत पर एक गुफा बड़ी सुन्दर,
जहाँ है मेरी मैया का मंदिर,
सिंह सवारी करती मैया है,
सर पर ओढ़े लाल चुनरिया है,
दर्शन से ही, मेरे सभी,
बन जाते बिगड़े काम है,
मुझे जाना नंगे पाँव है,
माँ का संदेशा आया है,
कटरा मुझे बुलाया है।
मैया का दरबार वो न्यारा है,
स्वर्ग से सुन्दर वहां नज़ारा है,
नाचती गाती भक्तो की टोली,
गूंजे मैया का जयकारा है,
जय माता दी, कहते सभी,
लेते सब माँ का नाम है,
मुझे जाना नंगे पाँव है,
माँ का संदेशा आया है,
कटरा मुझे बुलाया है।
मेरी मैया है मेहरावाली,
भक्तो की करती है रखवाली,
सबकी मुरादे पूरी करती है,
लौटाती ना किसी को भी खाली,
संकट हरे, झोली भरे,
ये बड़ी दयावान है,
मुझे जाना नंगे पाँव है,
माँ का संदेशा आया है,
कटरा मुझे बुलाया है।
माँ का संदेसा आया है,
कटरा मुझे बुलाया है,
पर्वत पर माँ का धाम है,
मुझे जाना नंगे पाँव है।
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