संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली लिरिक्स
प्रकाशित: 19 May, 2025
Read Moreवृन्दावन धाम अपार,
जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार,
जपे जा राधे राधे ।
भजे जा राधे राधे,
राधा अलबेली सरकार,
जपे जा राधे राधे ॥
जो राधा राधा गावे,
वो प्रेम पदार्थ पावे ।
वाको है जाये बेडा पार,
जपे जा राधे राधे ॥
वृन्दावन धाम अपार,
जपे जा राधे राधे ।
वृन्दावन में राधे राधे,
यमुना तट पे, राधे राधे
जपे जा राधे राधे ॥
जय राधे राधे, राधे राधे ।
वृन्दावन धाम अपार,
जपे जा राधे राधे,
राधा अलबेली सरकार,
जपे जा राधे राधे ॥
जो राधा राधा नाम ना होतो,
रसराज बिचारो रोतो ।
नहीं होतो कृष्ण अवतार,
जपे जा राधे राधे ॥
वृन्दावन धाम अपार,
जपे जा राधे राधे ।
बंसिवट पे राधे राधे,
श्री निधिबन जी में राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे ।
जपे जा राधे राधे ॥
यह वृन्दावन की लीला,
मत जानो गुड़ को चीला ।
यामे ऋषि मुनि गए हार,
जपे जा राधे राधे ॥
दान गली में राधे,
मान गली में राधे राधे
जपे जा राधे राधे ॥
वृन्दावन धाम अपार,
जपे जा राधे राधे,
राधा अलबेली सरकार,
जपे जा राधे राधे ॥
तु वृन्दावन में आयो,
तैने राधा नाम ना गायो ।
तेरे जीवन को धिक्कार,
जपे जा राधे राधे ॥
यह बज की अजब कहानी,
यहाँ घट घट राधा रानी ।
राधे ही कृष्ण मुरार,
जपे जा राधे राधे ॥
वृन्दावन धाम अपार,
जपे जा राधे राधे ।
वृन्दावन धाम अपार,
जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार,
जपे जा राधे राधे,
भजे जा राधे राधे,
राधा अलबेली सरकार,
जपे जा राधे राधे ॥
स्वर – श्री सुभाष नाथजी
प्रेषक – विशाल भजन संग्रह विरासत,राजस्थान
लेखक - शिवांश जांगिड
Post Your Comment