संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली लिरिक्स
प्रकाशित: 19 May, 2025
Read Moreक्या सोवे सुख नींद, मुसाफिर परदेशी रे।
क्या सोवे सुख नींद, बटाऊ भोला परदेशी रे।
क्या सोवे सुख नींद।
राम नाम का सुमिरण कर ले, हरी का ध्यान हिरदै बिच धर ले।
साधो भाई रे, छोड़ कपट का जंजाल — कटेगी तेरी चौरासी रे।
आगे आगे गाँव ठगा की नगरी, छीन लेगा हीरा वाली गठड़ी।
साधो भाई रे, बे चोरण का है गाँव — न्याय तेरो कुण करसी रे।
गगन मण्डल में उरध मुखी कुआ, सब साधन मिल प्रसन्न हुआ।
साधो भाई रे, लघज्या तरबीणया के घाट — उतर मल मल न्हाले रे।
नाथ गुलाब गूरू पूरा पाया, जाळ जुलम सब दूर हटाया।
साधो भाई रे, गुण गावै भानीनाथ — गुरांजी ल्याया रंगबूटी रे।
Post Your Comment