संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली लिरिक्स
प्रकाशित: 10 May, 2025
Read Moreहे दुख भंजन अलख निरंजन,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।
हे दुख भंजन अलख निरंजन,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।
हे त्रिलोचन संकटमोचन,
सुन लो हमारे मन की बात।
हे त्रिलोचन संकटमोचन,
सुन लो हमारे मन की बात।
हे दुख भंजन अलख निरंजन,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।
सागर मंथन में जब सब ने अमृत को अपनाया।
सागर मंथन में जब सब ने अमृत को अपनाया।
विष को सब ने छोड़ दिया पर तूने गले लगाया।
भोले तूने गले लगाया।
तेरा सुमिरन शुद्ध करे मन,
सुख की करो हम पर बरसात।
हे दुख भंजन अलख निरंजन,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।
रौद्र रूप में गंगा आई बनकर संकट भारी।
रौद्र रूप में गंगा आई बनकर संकट भारी।
तूने उन्हें जटा में बांधा बनकर गंगा धारी।
रूप में गंगा आई बनकर संकट भारी।
तूने उन्हें जटा में बांधा बनकर गंगा धारी।
बनके गंगा गंगाधारी।
मोह गया मन तेरा भोलापन,
रख दो हमारे सर पर हाथ।
हे दुख भंजन अलख निरंजन,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।
महादेव कहते हैं जिसने मन से तुझे पुकारा।
महादेव कहते हैं जिसने मन से तुझे पुकारा।
पल में भोले तूने उसका बिगड़ा भाग्य संवारा।
महादेव कहते हैं जिसने मन से तुझे पुकारा।
पल में भोले तूने उसका बिगड़ा भाग्य संवारा।
भोले बिगड़ा भाग्य संवारा।
मन का आंगन हो जाए पावन,
तू जो रहे हर पल उनके साथ।
हे दुख भंजन अलख निरंजन,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।
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