करता हु में वंदना,
नत सिर बारम्बार।
तुझे देव परमात्मन ,
मंगल शिव शुभकार।
अंजलि पर मस्तक किये ,
विनय भक्ति के साथ।
नमस्कार मेरा तुझे ,
होवे जग के नाथ।
दोनों कर को जोड़ कर ,
मस्तक घुटने टेक।
तुझको हो प्रणाम मम ,
शत शत कोटि अनेक।
पाप हरण मंगल करण ,
चरण शरण का ध्यान।
धार करू प्रणाम ,
में तुमको शक्ति निधान।
भक्ति भाव शुभ भावना ,
मन में भर भरपूर।
श्रद्धा से तुझको नमु ,
मेरे राम हजूर।
ज्योतिर्मय जगदीश है ,
तेजो मय अपार।
परम पुरुष पावन परम ,
तुझको हो नमस्कार।
सत्यज्ञान आनंद के ,
परम धाम श्री राम।
पुलकित हो मेरा तुझे ,
होवे बहु प्रणाम।
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