यों वर कुन ध्युन्दयो भजन लिरिक्स
यों वर कुन ध्युन्दयो
शिव शंकर जी ब्यावन आए झाल बराती कछु ना लयाए
हाथी घोड़ा संग ना ल्याए ल्याए बैल बूढ़ों
एक हाथ से डमरू बजाए दुजी हाथ से मखीया उडावे
इन संग फेरा मत ले गोरजा यों वर है बूढ़ो
डगमग डगमग नाड़ हिलत है मखीया को बरनात उड़t है
आक दथुरा को भोग लागत है भांग भरयो कुंदों
गंगा दास हरी गुन गावे सखिया न गोरा समझाव
शिव शंकर जी का ध्यान धरो थे इन रो उंडो
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