थाने सतगुरु मारे हैला रे नर राम सुमिर नर गैला भजन लिरिक्स

थाने सतगुरु मारे हैला रे , नर राम सुमिर नर गैला ।

सतगुरु आकार बाग लगाया, बीज बो दिया चेला ।
कच्चे पक्के का ध्यान ना राखे, फूल खिलया अलबेला ॥


कोडी कोडी माया जोड़ी , जोड़ भराया नर थैला ।
निकलाया सांस बिखर गयी देह , संग चलया ना धेला ॥


एक डाल दो पक्षी बेठया, कोण गुरु कुन चेला ।
गुरु की करणी गुरुजी जागा , चेले की करणी चेला ॥


मन मिले का मैला करिये, चित मिले का चैला ।
कहे मच्छन्दर सुन जती गोरख, सबसे भला अकेला रे ॥

HARSHITA

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