शुरो मेवाड़ी महाराणा प्रताप कठे धमाल लिरिक्स

शुरो मेवाड़ी महाराणा प्रताप कठे,
शुरो मेवाड़ी,
शुरो मेवाड़ी महाराणा प्रताप कठे,
शुरो मेवाड़ी,

प्रताप कठे राणु प्रताप कठे,
शुरो मेवाड़ी,
शुरो मेवाड़ी महाराणा प्रताप कठे,
शुरो मेवाड़ी॥


धोरां री धरती ने थारी,
याद सातव ओ,
हाँ दिनड़ो छिप जाये,
कोनी रात कटे, शुरो मेवाड़ी,

शुरो मेवाड़ी महाराणा प्रताप कठे,
शुरो मेवाड़ी॥


मायड़ भाशा बिना म्हान,
काकुरळावे ओ,
हो थार बिना चाल कोनी,
काम अठ, शुरो मेवाड़ी,

शुरो मेवाड़ी महाराणा प्रताप कठे,
शुरो मेवाड़ी॥


बन रा बिलावड़ा शूरां,
बहोत सताव ओ,
बे शेर स्यूं दहाड़ बेरी,
डाट्या ना डट, शुरो मेवाड़ी,

शुरो मेवाड़ी महाराणा प्रताप कठे,
शुरो मेवाड़ी॥


ले अवतार शूरां,
दोड्या दोड्या आओ ओ,
हो छोड़ के सूरज आओ,
दुरज अठे, शुरो मेवाड़ी,

शुरो मेवाड़ी महाराणा प्रताप कठे,
शुरो मेवाड़ी॥


प्रताप कठे राणु प्रताप कठे,
शुरो मेवाड़ी,
शुरो मेवाड़ी महाराणा प्रताप कठे,
शुरो मेवाड़ी॥

शुरो मेवाड़ी महाराणा प्रताप कठे,
शुरो मेवाड़ी॥

HARSHITA

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