शिव घर बिरलां ने पाया भजन लिरिक्स
शिव घर बिरलां ने पाया मेरा अवधू फेर जन्म कोनी आया।
मेहर करी म्हारा सतगुरु दाता, अगम भौम दिखलाया।
चोरी चोरी करी है नगरी में, खोजी ने खोज लगाया ।1 ॥ शिव घर….
जोई मसाल संग लिया खोजी,
अगलोड़ी पैड़ बताया।
– नौ दरवाजा बंद कर राख्या,
दशवां खोज लगाया ।|2 ॥ शिव घर….
मूल चक्र से शोधण लाग्या,
ज्ञान से ज्ञान मिलाया।
ऊँचा चढ़कर जोवण लाग्या,
एक अखण्डी ने ध्याया ॥3 ॥ शिव घर…..
हुई आवाज नगर सारा जाग्या,
खलक तमाशा आया।
शरण मच्छन्दर ‘जति गोरख’ बोल्या, सत अमरापुर पाया 14 ॥
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