रामा चले त्रिलोकी बल छलने भजन लिरिक्स
रामा चले त्रिलोकी बल छलने
बल छलने को चले नारायण ओढ़ी मोहन टोपी
हाथ डांगडी लेयी बांस की
दाबी बगल म सांवरो ब्रम्हा जी की पोथी
हाथ जोड़ बल राजा उभ्यों के धन मांगे जोशी
जो चावे सो मांग ले ब्राह्मण
लेसी सोही तेरे हाजिर होसी
तीन पांवडा भूमि दे दे बन कुट्य्या छोटी
तेरी नगरी को धरम बताऊ
बैठे बैठे बांचू म तो ब्रह्मा जी की पोथी
तीन पांवडा को के धन माग्यो काई गुजरो होसी
तुलसीदास आस रघुवर की
तीन पांवडा तेर कन पुरा कोनी होसी
जय श्री नाथ जी की
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