कोई कहियो गिरधर आवन की भजन लिरिक्स

कोई कहियो गिरधर आवन की ,,

आवन की मन भावन की,,

ये दो नेण कयो ना माने,,

नदिया उल्ट आई सावन की,, 

आप ना आवे सांवरो 

पतिया ने

बात करे लचावन की 

इथ गोकुल इथ मथुरा नगरी

पंख नही उड़ आवन की ।

चंद्र सखी मर्ग बाल कृष्ण छबि ,,

सांवली सूरत में भावण की,

HARSHITA

"मैं एक भक्ति गीतों की प्रेमी और भक्त हूँ। मेरी आत्मा को शांति और प्रेम मिलता है, जब मैं भगवान के भजनों में लीन हो जाती हूँ। इस वेबसाइट पर, आप विभिन्न प्रकार के भक्ति भजन और गीत पाएंगे, जो आपकी आत्मा को उन्नति की ओर ले जाएंगे। हर शब्द और हर सुर में भगवान की भक्ति का अनुभव करें, और अपनी आध्यात्मिक यात्रा में सच्ची शांति पाएं।"

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