करमा म्हारो नाम यो ही छे म्हारो गांव की भजन लिरिक्स
करमा म्हारो नाम, यो ही छे म्हारो गांव, बेटी जाट की ।।टेर।।
बाबो म्हाने भोलाय गयो पूजा, गांव गयो दूजा, जीमोजी कांई आंटजी।
उढ सी में स्नान में कीनो, खोल मंदिर बुहारो दीन्यो ।
ल्याई गौरडी गाय रो दूध, उठो प्रभु मुंडो धोय कर पील्यो ।।
फिर जीमो खीचडो आप, दही री कांइ बात, कढी तो घालुं छाछ की ।।
करमा म्हारो नाम…………….॥१।।
काल थारे ताई सीरो में बणास्यु, पाणी मीठोडे कुवे को ल्यासुं।
मुंगा री दाल ज्या में घी री राल, थांने छोटा छोटा फलका जीमासुं ।
थांने भावे सो ही ले लीज्यो, म्हाने कह दीज्यो, कमी ना कोई बात की
करमा म्हारो नाम…………….॥२॥
थांरा कैया कैया हुकम बजास्युं, थे जीमल्यो तो पछे रोटी खास्यु ।
थारे धाबलीये रो पडदो लगास्युं, में तो पीढ फोर खड ज्यासुं।
प्रभु रूच-रूच भोग लगावे, देखती जावे, प्रेम से बाट की।
करमा म्हारो नाम.. ..||३||
करमा बोली और कांई ल्याऊ, थे जीमल्यो तो चलु में कराऊँ।
काल जल्दी जीमण ने आज्यो, में तो डोवे की राबडी बणस्युं ।
प्रभु बोले आज में जाऊं, काल बेगो आऊं, बांसुरियां भुल्यो आपकी ॥
करमा म्हारो नाम…………….॥४॥
बाबो बार गांव से आयो, करमा सारो हाल सुणायो ।
बाबो सुणके अचम्भे आयो, करमा कहे हरी घर आयो ।
इतने में प्रभुजी आ ज्यावे, भरम मिट ज्यावे, अर्ज शीवलाल की।
करमा म्हारो नाम…………….।।५।।
जय बाबेरी जय
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