अरजी सुणज्यो जी त्रिपुरार (भांगडली सरणाई रे) भजन लिरिक्स

अरजी सुणज्यो जी त्रिपुरार,
थे तो भूतों के सरदार,
थारी महिमा अपरंपार,
धतूरों बोयो बन में,
धतूरों बोयो बन में,
भांगडली सरणाई रे शिव,
थारा नैना में।।


था र बैला की असवारी,
म्हाने ला ग बहोत सुप्यारी,
नाग बिराजै गल म,
धतूरों बोयो बन म,
भांगडली सरणाई रे शिव,
थारा नैना में।।


था र गौरा छ अर्धङ्ग,
शंकर नित उठ पीवो भंग,
भष्मी रमाओ तन म,
भष्मी रामाओ तन म,
धतूरों बोयो बन म,
भांगडली सरणाई रे शिव,
थारा नैना में।।


था र डम डम डमरू बाजै,
था र पगां घूघरा बाजै,
गिरजा सोहे संग म,
नारी सोहे संग म,
धतूरों बोयो बन म,
भांगडली सरणाई रे शिव,
थारा नैना में।।


अरजी सुणज्यो जी त्रिपुरार,
थे तो भूतों के सरदार,
थारी महिमा अपरंपार,
धतूरों बोयो बन में,
धतूरों बोयो बन में,
भांगडली सरणाई रे शिव,
थारा नैना में।।

HARSHITA

"मैं एक भक्ति गीतों की प्रेमी और भक्त हूँ। मेरी आत्मा को शांति और प्रेम मिलता है, जब मैं भगवान के भजनों में लीन हो जाती हूँ। इस वेबसाइट पर, आप विभिन्न प्रकार के भक्ति भजन और गीत पाएंगे, जो आपकी आत्मा को उन्नति की ओर ले जाएंगे। हर शब्द और हर सुर में भगवान की भक्ति का अनुभव करें, और अपनी आध्यात्मिक यात्रा में सच्ची शांति पाएं।"

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *